साँप काटने पर क्या करें? जानें स्वास्थ्य मंत्रालय के ज़रूरी दिशा-निर्देश

साँप काटने पर क्या करें? यह सवाल भारत में, खासकर मानसून के मौसम में, साँप निकलने और साँप काटने की घटनाएँ बढ़ जाती हैं। यह एक ऐसी मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें ज़रा सी लापरवाही या गलत जानकारी किसी की जान ले सकती है। ऐसे में सही जानकारी ही सबसे बड़ा बचाव है।

हाल ही में, भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (@MoHFW_INDIA) ने अपने आधिकारिक एक्स (X) हैंडल पर साँप काटने की स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों पर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पुणे न्यूज़ हब आपको यह महत्वपूर्ण जानकारी सरल भाषा में प्रदान कर रहा है ताकि आप किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहें।

(यह तस्वीर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जनहित में जारी की गई है)

साँप काटने पर क्या करें (Do’s)

मंत्रालय के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को साँप काट ले तो घबराने के बजाय तुरंत नीचे दिए गए कदम उठाने चाहिए:

  1. शांत रहें और पीड़ित को शांत कराएं: सबसे पहले, खुद शांत रहें और जिस व्यक्ति को साँप نے काटा है, उसे दिलासा दें। घबराहट से दिल की धड़कन तेज हो सकती है, जिससे ज़हर शरीर में तेज़ी से फैल सकता है।
  2. साँप से धीरे-धीरे दूर हटें: पीड़ित को तुरंत साँप से दूर एक सुरक्षित स्थान पर ले जाएँ ताकि वह दोबारा हमला न कर सके।
  3. घाव को अकेला छोड़ दें: काटे हुए स्थान या घाव को अकेला छोड़ दें। उसे किसी भी तरह से छेड़ने, दबाने या साफ करने की कोशिश न करें।
  4. तंग कपड़े और आभूषण उतार दें: प्रभावित हिस्से से जूते, बेल्ट, अंगूठियाँ, घड़ियाँ या कोई भी तंग कपड़े और गहने उतार दें। ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि ज़हर के असर से उस हिस्से में सूजन आ सकती है।
  5. पीड़ित को सही मुद्रा में लिटाएं: मरीज़ को बाईं करवट लिटाएं, दाहिने पैर को मोड़ें और चेहरे को हाथ का सहारा दें (रिकवरी पोजीशन)। यह मुद्रा सुनिश्चित करती है कि मरीज़ का वायुमार्ग खुला रहे और यदि उसे उल्टी हो तो वह फेफड़ों में न जाए।
  6. तुरंत नज़दीकी अस्पताल ले जाएँ: बिना एक पल भी बर्बाद किए, पीड़ित को जल्द से जल्द नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल ले जाएँ जहाँ एंटी-वेनम (anti-venom) उपलब्ध हो। यही सबसे ज़रूरी कदम है।

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साँप काटने पर क्या न करें (Don’ts)

अक्सर सुनी-सुनाई बातों और गलत जानकारी के कारण लोग कुछ ऐसे कदम उठा लेते हैं जो जानलेवा साबित हो सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन कार्यों को सख्ती से न करने की सलाह दी है:

  1. पीड़ित को घबराने या ज़्यादा चलने-फिरने न दें: पीड़ित को ज़्यादा चलने-फिरने या दौड़ने-भागने से रोकें। शारीरिक गतिविधि से रक्त संचार तेज होता है, जिससे ज़हर शरीर में तेजी से फैलता है।
  2. साँप पर हमला न करें या उसे मारें नहीं: साँप को मारने या पकड़ने की कोशिश में कीमती समय बर्बाद न करें। कई बार ऐसा करने के प्रयास में साँप दोबारा काट सकता है।
  3. घाव को काटें, चूसें या एंटी-वेनम लगाएं: यह एक बहुत बड़ी और खतरनाक गलती है। घाव को कभी भी ब्लेड या चाकू से न काटें, न ही ज़हर चूसकर निकालने की कोशिश करें। साथ ही, घाव पर किसी भी तरह का एंटी-वेनम इंजेक्शन या कोई दवा न लगाएं।
  4. प्रभावित क्षेत्र को कसकर न बांधें: घाव के आसपास रस्सी, कपड़े या किसी अन्य चीज से कसकर न बांधें। इससे उस अंग का रक्त संचार रुक सकता है, जिससे गैंग्रीन या अंग काटने तक की नौबत आ सकती है।
  5. पीड़ित को उसकी पीठ के बल न लिटाएं: मरीज़ को पीठ के बल सीधा लिटाने से उसका वायुमार्ग (airway) अवरुद्ध हो सकता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
  6. पारंपरिक या असुरक्षित तरीकों का इस्तेमाल न करें: किसी भी तरह के पारंपरिक, घरेलू उपचार, जड़ी-बूटी या झाड़-फूंक के चक्कर में बिलकुल न पड़ें। यह सिर्फ कीमती समय की बर्बादी है और मरीज़ की जान को खतरे में डालता है।

सबसे महत्वपूर्ण: तुरंत चिकित्सीय सहायता लें।

याद रखें, साँप काटने का एकमात्र प्रभावी इलाज एंटी-स्नेक वेनम है, जो केवल एक योग्य डॉक्टर की देखरेख में अस्पताल में ही दिया जा सकता है। ऊपर दिए गए प्राथमिक उपचार के तरीके केवल अस्पताल पहुँचने तक मरीज़ की हालत को स्थिर रखने में मदद करते हैं।

आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 15400 पर कॉल करें।

साँप काटने से होने वाली मौतों का एक बड़ा कारण सही समय पर सही इलाज न मिलना और गलत प्राथमिक उपचार करना है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी यह जानकारी जीवन बचा सकती है। इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ ज़रूर साझा करें, क्योंकि सही जानकारी ही सबसे बड़ा हथियार है।

Author

  • Ritesh Gaikwad

    मैं पुणेन्यूजहब का एक सजग लेखक हूँ। मैं अपनी रिपोर्टिंग के माध्यम से पुणे न्यूज़ की जमीनी हकीकत को उजागर करता हूँ, विशेष रूप से स्थानीय प्रशासन और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए।"

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