भारत के उप-राष्ट्रपति चुनाव 2025, 9 सितंबर को होगा। चुनाव आयोग ने यह घोषणा की है कि आगामी उप-राष्ट्रपति चुनाव, जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद, 9 सितंबर को आयोजित होगा। इस चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 21 अगस्त 2025 रखी गई है, और वोटिंग उसी दिन होगी, यानी 9 सितंबर 2025 को। वोटों की गिनती भी उसी दिन की जाएगी।
चुनाव आयोग ने उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए जो कार्यक्रम जारी किया है, उसके अनुसार नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त 2025 है। इसके बाद, उम्मीदवारों की नामांकन प्रक्रिया समाप्त होगी, और चुनाव 9 सितंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा।
चुनाव के दिन, वोटों की गिनती भी उसी दिन की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत चुने गए उप-राष्ट्रपति को पांच साल की पूरी अवधि के लिए पद की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
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जगदीप धनखड़ का इस्तीफा
भारत के उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 22 जुलाई 2025 को अपना इस्तीफा दिया था। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से यह निर्णय लिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने के लिए पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
धनखड़ ने अपने इस्तीफे में यह उल्लेख किया कि वे मेडिकल सलाह के आधार पर अपना पद छोड़ रहे हैं, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(a) के तहत उनकी अनुमति थी। वे 2022 से उप-राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत थे और उनके इस्तीफे के बाद, नया उप-राष्ट्रपति चुने जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रक्रिया

भारत में उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक विशिष्ट प्रक्रिया है। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, उप-राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है।
इस चुनाव में, सांसदों द्वारा गुप्त मतदान के माध्यम से उम्मीदवार का चयन किया जाता है। यह प्रक्रिया एकल स्थानांतरित मतदान प्रणाली के तहत की जाती है। इसमें उम्मीदवार को विजयी होने के लिए विशेष प्रकार के वोटों की आवश्यकता होती है।
महत्वपूर्ण तिथियां: उप-राष्ट्रपति चुनाव 2025:
घटना | तिथि |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 21 अगस्त 2025 |
उप-राष्ट्रपति चुनाव की तारीख | 9 सितंबर 2025 |
वोटों की गिनती | 9 सितंबर 2025 |
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की टिप्पणी
कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने उप-राष्ट्रपति चुनाव के कार्यक्रम पर तंज कसा है। उन्होंने चुनाव आयोग पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “सांसदों को अब अपनी नागरिकता साबित करने के लिए 11 दस्तावेज़ तैयार रखने चाहिए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि चुनाव आयोग यदि चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के बाद भी मतदाता सूची का विशेष संशोधन करता है, तो यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं होगी।
उनकी यह टिप्पणी चुनाव आयोग के विशेष अंतर्दृष्टि सर्वेक्षण (Special Intensive Revision of the Electoral Roll) पर आधारित थी, जिसे कुछ समय पहले लागू किया गया था।
उप-राष्ट्रपति पद का महत्व
उप-राष्ट्रपति पद भारतीय गणराज्य के सर्वोच्च पदों में से एक है। वह राज्यसभा के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं और राष्ट्रपति के नहीं होने पर उनके कर्तव्यों का पालन करते हैं।
इस पद का चुनाव एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, क्योंकि उप-राष्ट्रपति राज्यसभा के कार्यों के संचालन में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, अगर राष्ट्रपति अपने पद से असमर्थ हो जाते हैं, तो उप-राष्ट्रपति अस्थायी रूप से राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हैं।
भारत में उप-राष्ट्रपति के चुनाव का महत्व बहुत अधिक है। चुनाव आयोग ने 9 सितंबर को मतदान की तारीख घोषित की है और अब राजनीतिक दल इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन उम्मीदवार इस चुनाव में जीतकर उप-राष्ट्रपति का पद संभालेगा।
आप क्या सोचते हैं? क्या आप इस चुनाव को लेकर उत्साहित हैं? हमें अपनी राय नीचे कमेंट सेक्शन में बताएं।
Source: etnownews