Pune-Bengaluru Expressway: अब मुंबई 90 मिनट, बेंगलुरु 6 घंटे दूर

पुणे: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने आज पुणे में एक ऐसी घोषणा की है जिसका असर सिर्फ सड़कों पर नहीं, बल्कि लाखों लोगों की जिंदगी और देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। मुंबई, पुणे और बेंगलुरु को जोड़ने वाले एक अत्याधुनिक Pune-Bengaluru Expressway का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जो यात्रा के समय को क्रांतिकारी रूप से कम कर देगा। इस मेगा प्रोजेक्ट के पूरा होते ही मुंबई से पुणे की दूरी महज 90 मिनट में तय होगी, जबकि पुणे से बेंगलुरु का सफर सिमटकर सिर्फ पांच घंटों का रह जाएगा।

यह कोई खोखला वादा नहीं है, बल्कि एक हकीकत है जिसका काम जमीन पर शुरू हो चुका है। मंत्री गडकरी ने स्पष्ट किया कि किसी औपचारिक भूमि पूजन का इंतजार नहीं किया गया क्योंकि विकास के ऐसे कार्यों के लिए इंतजार नहीं किया जा सकता। यह एक्सप्रेसवे सिर्फ कंक्रीट का एक रास्ता नहीं, बल्कि प्रगति का वह कॉरिडोर है जो भारत के फाइनेंशियल हब मुंबई को आईटी कैपिटल बेंगलुरु से सीधे जोड़ेगा, और इस कॉरिडोर का दिल होगा हमारा पुणे।

क्या है Pune-Bengaluru Expressway का विशाल प्लान?

हमारी जानकारी के अनुसार, यह महत्वाकांक्षी Pune-Bengaluru Expressway प्रोजेक्ट भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है, जिसकी कमान NHAI (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के हाथों में है। यह पूरी तरह से एक ग्रीनफील्ड, एक्सेस-कंट्रोल हाईवे होगा।

  • रूट और कनेक्टिविटी: यह एक्सप्रेसवे मुंबई के अटल सेतु से शुरू होकर पुणे के नए रिंग रोड से जुड़ेगा और फिर सीधे बेंगलुरु तक जाएगा। यह महाराष्ट्र और कर्नाटक के 12 जिलों को विकास की एक नई डोर से बांधेगा।
  • अभूतपूर्व गति: लगभग 700 किलोमीटर लंबे इस 8-लेन हाईवे पर गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। इसका सीधा मतलब है कि जो सफर आज 18 घंटे लेता है, वह महज 6 से 7 घंटों में पूरा हो जाएगा।
  • लागत और सुविधाएं: इस विशाल प्रोजेक्ट पर करीब ₹50,000 करोड़ का निवेश हो रहा है। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए इस पर 55 फ्लाईओवर, 22 इंटरचेंज और आपात स्थिति के लिए 2 हवाई पट्टियां भी बनाई जाएंगी।

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पुणे के लिए क्या हैं इसके मायने?

नितिन गडकरी ने सिर्फ राष्ट्रीय प्रोजेक्ट की ही बात नहीं की, उन्होंने पुणे के विकास का एक पूरा खाका पेश किया। उन्होंने बताया कि अकेले पुणे जिले में ही लगभग ₹50,000 करोड़ के सड़क और हाईवे प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। शहर को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए एलिवेटेड कॉरिडोर पर भी काम करने की योजना है, जिससे पुणे के नागरिकों को रोज की परेशानियों से राहत मिलेगी।

भूमि अधिग्रहण को एक चुनौती मानते हुए उन्होंने अपने अनुभव से बताया, “जब राजनीतिक इच्छाशक्ति मजबूत हो और समन्वय सही हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।” उन्होंने पुराने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का उदाहरण देते हुए याद दिलाया कि कैसे सरकार ने दृढ़ निश्चय से एक निजी कंपनी के ₹3,600 करोड़ के अनुमान के मुकाबले वही काम ₹1,600 करोड़ में कर दिखाया था।

सिर्फ एक सड़क नहीं, आर्थिक क्रांति का मार्ग

यह समझना महत्वपूर्ण है कि Pune-Bengaluru Expressway सिर्फ शहरों को नहीं जोड़ेगा; यह व्यापार, उद्योग और अवसरों को जोड़ेगा। इस कॉरिडोर के किनारे नए औद्योगिक केंद्र विकसित होंगे, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन मजबूत होगी और पुणे इस आर्थिक क्रांति के केंद्र में होगा। माल की तेज आवाजाही से लेकर आईटी प्रोफेशनल्स के लिए आसान सफर तक, यह प्रोजेक्ट हर क्षेत्र को एक नई गति देगा।

यह घोषणा पुणे के भविष्य के लिए एक मील का पत्थर है। एक ऐसा भविष्य, जहां समय की बचत होगी, व्यापार बढ़ेगा और पुणे की पहचान एक विश्वस्तरीय शहर के रूप में और भी मजबूत होगी। हम इस प्रोजेक्ट की हर प्रगति पर अपनी नजर बनाए रखेंगे और आप तक हर जानकारी पहुंचाते रहेंगे।

Author

  • Chaitali Deshmukh

    मैं पुणेन्यूजहब की संपादक और लेखिका हूँ। मेरा जुनून है कि मैं अपनी कलम से पुणे न्यूज़ के हर पहलू को उजागर करूँ, खासकर शहर की अनसुनी कहानियों और स्थानीय मुद्दों पर विश्वसनीय विश्लेषण पेश करूँ।

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