पुणे के कात्रज इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक दो साल की बच्ची का अपहरण कर उसे भीख मांगने के लिए इस्तेमाल करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया और बच्ची को सुरक्षित छुड़ाया।
यह घटना 25 जुलाई की रात की है, जब बच्ची अपनी मां के पास एक स्लिंग में सो रही थी। कुछ समय बाद, एक अन्य बच्चा रोने लगा और जब बच्ची के माता-पिता ने उसकी जांच की, तो पाया कि स्लिंग खाली था। यह देखकर उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों का पता लगाया। फुटेज में आरोपी बच्ची को पुणे रेलवे स्टेशन ले जाते हुए दिखाई दिए। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और तुळजापूर तथा खडकवाड़ी से आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सुनील भोसले (51), शंकर पवार (50), गणेश पवार (35), शालुबाई काळे (45) और मंगल काळे (19) शामिल हैं। ये सभी आरोपी तुळजापूर और पुणे के विभिन्न इलाकों के निवासी हैं।

पुलिस द्वारा किए गए पुरस्कार
पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने वाली पुलिस टीमों को ₹1 लाख का पुरस्कार देने की घोषणा की है। इसके अलावा, पुलिस टीम को इनाम स्वरूप ₹2 लाख का पुरस्कार भी दिया गया। यह अपराध केवल एक अपहरण नहीं था, बल्कि इसमें बच्ची को भीख मांगने के लिए इस्तेमाल करने की साजिश भी थी। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया और 2 अगस्त तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया।
पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अमर नानवरे ने इस अपराध को गंभीर बताते हुए कहा कि आरोपियों का एक बड़ा गिरोह हो सकता है। यह संभव है कि वे और बच्चों का अपहरण करके उन्हें भीख मांगने के लिए भेजते रहे हों।
आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड
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तुलजापुर और पुणे से गिरफ्तार किए गए तीन आरोपी पहले भी अपराधों में शामिल रहे हैं। पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या अन्य बच्चों को भी इन आरोपियों ने अपना शिकार बनाया है।
यह घटना यह साबित करती है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर हमें और पुलिस को हर समय सतर्क रहना होगा। पुणे पुलिस की कार्रवाई ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया और बच्चों को अपहरण से बचाया। साथ ही, यह भी दिखाता है कि हम सभी को बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
Source: FPJ