Pune Dahi Handi: 23 मंडल लाल चौक पर मनाएंगे DJ-Free उत्सव

एक पत्रकार के तौर पर पुणे के उत्सवों को कवर करते हुए मैंने कई साल गुज़ारे हैं। मैंने देखा है कि कैसे त्योहारों का स्वरूप बदला है, कैसे परंपराओं पर आधुनिकता हावी हुई है। लेकिन आज, पुणे शहर एक ऐसी करवट ले रहा है, जो न केवल स्वागत योग्य है, बल्कि भविष्य के लिए एक मिसाल भी है। शहर के ऐतिहासिक लाल चौक पर इस साल Pune dahi handi का उत्सव उस तरह मनेगा, जैसे उसे मनाया जाना चाहिए – पारंपरिक जोश, सांस्कृतिक उल्लास और सामुदायिक भावना के साथ, न कि कान फाड़ देने वाले डीजे संगीत के शोर में।

यह कोई छोटी-मोटी घोषणा नहीं है। यह पुणे की आत्मा की आवाज है, जिसे शहर के 23 प्रतिष्ठित सार्वजनिक गणेश मंडलों ने एक साथ मिलकर बुलंद किया है। पुनीत बालन ग्रुप के सहयोग से इन मंडलों ने यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है कि इस बार Pune dahi handi का उत्सव पूरी तरह से डीजे-मुक्त होगा।यह लगातार दूसरा साल है जब इस तरह की संयुक्त पहल की जा रही है, जो अपने आप में इसकी सफलता की कहानी बयान करता है।

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क्यों पड़ी इस बदलाव की ज़रूरत? एक पत्रकार का अनुभव

मुझे आज भी याद है कुछ साल पहले की दही हांडी। शहर का हर प्रमुख चौराहा एक युद्ध क्षेत्र जैसा लगता था। अलग-अलग मंडलों की अपनी-अपनी दही हांडियां, हर जगह विशाल स्पीकर सिस्टम और एक-दूसरे से मुकाबला करता शोर। नतीजा? मध्य पुणे की पहले से ही संकरी गलियां घंटों तक जाम रहती थीं, एंबुलेंस जैसी ज़रूरी सेवाओं का निकलना दूभर हो जाता था और हमारे पुलिस बल पर बेतहाशा दबाव पड़ता था।एक नागरिक के तौर पर यह पीड़ादायक था और एक पत्रकार के तौर पर, यह एक ऐसी कहानी थी जिसे सामने लाना ज़रूरी था।

पिछले साल जब मंडलों ने पहली बार एक साथ आकर लाल चौक पर संयुक्त दही हांडी का आयोजन किया, तो यह एक प्रयोग था।एक ऐसा प्रयोग जो शहर को ट्रैफिक और शोर के इस सालाना सिरदर्द से निजात दिलाने के लिए किया गया था। और वह सफल रहा।मैं उस दिन वहीं मौजूद था और मैंने अपनी आंखों से उस बदलाव को महसूस किया था। सड़कों पर आवाजाही सुगम थी और उत्सव का आनंद कहीं ज़्यादा था।

Pune Dahi Handi: एकता का अभूतपूर्व प्रदर्शन

इस पहल की सबसे बड़ी ताकत इसकी एकता है। यह कोई एक या दो मंडलों का फैसला नहीं है, बल्कि शहर की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने वाले 23 स्तंभों का सामूहिक संकल्प है। इस ऐतिहासिक पहल में शामिल होने वाले मंडलों की यह सूची अपने आप में पुणे की सामुदायिक शक्ति का प्रमाण है:

श्रीमंत पेशवे गणपति मंदिर, श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट, श्री तांबडी जोगेश्वरी सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल ट्रस्ट, और श्री तुलशीबाग सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल ट्रस्ट जैसे पुणे के सबसे सम्मानित नामों ने इस पहल का नेतृत्व किया है।

इनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर पुण्येश्वर महादेव मंदिर उत्सव समिति, श्री गरुड़ गणपति (लक्ष्मी रोड), उदय तरुण मंडल (एफसी रोड), नागनाथ पार सार्वजनिक गणपति मंडल ट्रस्ट, मंजुबा तरुण मंडल (पीएमसी), फणी अली तालीम ट्रस्ट, प्रकाश मित्र मंडल, भारत मित्र मंडल, त्वष्टा कासार समाज संस्था, आजाद हिंद मंडल (जेएम रोड), श्री शिवाजीनगर सार्वजनिक गणेशोत्सव, श्री हनुमान मंडल प्रतिष्ठान, जनता जनार्दन मंडल प्रतिष्ठान, जनता जनार्दन मंडल, क्रांतिवीर राजगुरु मित्र मंडल, गणेश मित्र मंडल (अलका चौक), भोईराज मित्र मंडल, शिवतेज ग्रुप, और नटराज ग्रुप भी शामिल हुए हैं।

यह सूची सिर्फ नामों की नहीं, बल्कि उन लाखों पुणेवासियों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती है जो इन मंडलों से जुड़े हैं। यह एक स्पष्ट संदेश है कि पुणे अपने त्योहारों को अधिक सार्थक और कमर्शियल शोर से दूर रखना चाहता है।

विश्वसनीयता: एक जिम्मेदार उत्सव

पुनीत बालन ग्रुप के अध्यक्ष, युवा उद्यमी पुनीत बालन ने स्पष्ट किया है, “हम डीजे-मुक्त गणेश उत्सव को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसी भावना को दही हांडी तक भी बढ़ाया जाएगा।” स्रोत: punemirror इस वादे को निभाते हुए, आयोजन में पारंपरिक कलाओं को मंच दिया जाएगा। डीजे की जगह युवा वाद्य पथक, समर्थ पथक, रमणबाग और शिवमुद्रा जैसे प्रसिद्ध ढोल-ताशा की ऊर्जावान गूंज होगी।[इसके बाद प्रभात बैंड की पारंपरिक धुनें फिज़ा में घुलेंगी। गोविंदाओं के जोश को बढ़ाने के लिए मुंबई के प्रसिद्ध वर्ली बीट्स का बैंजो संगीत और उज्जैन से आया विशेष पारंपरिक शिव महाकाल प्रदर्शन होगा।

यह सिर्फ एक दही हांडी का उत्सव नहीं है। यह एक आंदोलन की शुरुआत है। यह पुणे की उस पहचान को फिर से स्थापित करने का प्रयास है, जहाँ उत्सव का मतलब शोर नहीं, बल्कि सुर होता है। जहाँ जोश का मतलब उन्माद नहीं, बल्कि उल्लास होता है। एक पत्रकार के तौर पर, मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि पुणे एक बार फिर देश को दिखा रहा है कि परंपरा का सम्मान करते हुए भी प्रगतिशील कैसे बना जा सकता है।

Author

  • Chaitali Deshmukh

    मैं पुणेन्यूजहब की संपादक और लेखिका हूँ। मेरा जुनून है कि मैं अपनी कलम से पुणे न्यूज़ के हर पहलू को उजागर करूँ, खासकर शहर की अनसुनी कहानियों और स्थानीय मुद्दों पर विश्वसनीय विश्लेषण पेश करूँ।

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