पुणे मानसून अपडेट: 3 दिनों में होगी जोरदार वापसी, भारी बारिश का अलर्ट 

पुणे: शहर में पिछले कुछ दिनों से जारी मानसून ब्रेक और उमस भरी गर्मी से परेशान पुणेवासियों के लिए राहत भरा पुणे मानसून अपडेट है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और स्काईमेट वेदर के विशेषज्ञों ने पुष्टि की है कि 14 अगस्त के बाद मानसून एक बार फिर जोरदार वापसी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस वापसी का कारण बंगाल की खाड़ी में बन रहा एक शक्तिशाली कम दबाव का क्षेत्र है, जो मध्य भारत समेत महाराष्ट्र में भारी बारिश लाएगा।

अगर आप भी बारिश की कमी से चिंतित थे, तो यह खबर आपके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। चलिए समझते हैं कि मौसम का मिजाज आखिर क्यों और कैसे बदलने वाला है।

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क्यों और कैसे बदलेगा मौसम का मिजाज?

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम हिस्से में 13 अगस्त के आसपास एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की प्रबल संभावना है। यह मौसमी सिस्टम मानसून को पुनर्जीवित करने के लिए एक ट्रिगर का काम करेगा।

यह सिस्टम दो प्रमुख काम करेगा:

  1. हवाओं को करेगा मजबूत: यह नमी से भरी मानसूनी हवाओं को ताकत देगा।
  2. मानसून द्रोणिका को खींचेगा: वर्तमान में अपनी सामान्य स्थिति से उत्तर की ओर मौजूद मानसून द्रोणिका (Monsoon Trough) को यह सिस्टम दक्षिण की ओर खींचेगा। यह बदलाव महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी के बाद नमी वाली हवाएं देश के अंदरूनी हिस्सों तक पहुंच पाती हैं और अच्छी बारिश देती हैं।

मौसम विशेषज्ञों ने क्या कहा?

इस पूरे घटनाक्रम पर स्काईमेट के अध्यक्ष, जीपी शर्मा ने विस्तार से बताया। उनके अनुसार, “यह कम दबाव का क्षेत्र सबसे पहले पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार और झारखंड जैसे पूर्वी राज्यों में मौसम की गतिविधियों को बढ़ाएगा। जैसे ही यह सिस्टम मानसून द्रोणिका के साथ मिलेगा, बारिश का दायरा बढ़ेगा और छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और हमारे महाराष्ट्र (विशेष रूप से कोंकण और गोवा) में यह काफी शक्तिशाली हो जाएगा।”

विशेषज्ञों का यह भी अनुमान है कि अगस्त के तीसरे सप्ताह तक बारिश का यह दौर गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों तक भी पहुंच सकता है।

पुणे में अभी क्या है स्थिति और आगे क्या?

यह जानना दिलचस्प है कि अगस्त में बारिश में कमी के बावजूद, इस सीजन में पुणे में अब तक का कुल वर्षा का आंकड़ा सामान्य से थोड़ा ऊपर है। हालांकि, मौजूदा “मानसून ब्रेक” के कारण अगले कुछ दिनों तक बारिश की गतिविधियां कमजोर ही रहेंगी।

IMD के एक अधिकारी ने टीओआई की रिपोर्ट में कहा, “मानसून का पुनरुद्धार 14 अगस्त के बाद ही होने की संभावना है। द्रोणिका के दक्षिण की ओर खिसकने से मध्य भारत के मुख्य मानसून क्षेत्र को भरपूर बारिश मिलेगी।”

कितना सटीक है अनुमान?

मौसम विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि पांच दिनों से आगे के पूर्वानुमान मॉडल में सटीकता थोड़ी कम हो जाती है। इसलिए, स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और अगले सप्ताह की शुरुआत में पूर्वानुमानों का फिर से आकलन किया जाएगा ताकि सटीक जानकारी दी जा सके।

पुणे और आसपास के निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम विभाग द्वारा जारी अपडेट पर नजर बनाए रखें, क्योंकि मध्य अगस्त के बाद मौसम में महत्वपूर्ण सुधार होने की पूरी उम्मीद है।

Author

  • Ritesh Gaikwad

    मैं पुणेन्यूजहब का एक सजग लेखक हूँ। मैं अपनी रिपोर्टिंग के माध्यम से पुणे न्यूज़ की जमीनी हकीकत को उजागर करता हूँ, विशेष रूप से स्थानीय प्रशासन और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए।"

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