पुणे: सिद्धेश्वर मंदिर में महाकाल उत्सव, ढोल-ताशों से गूंजा महादेव वाडी

पुणे: सिद्धेश्वर मंदिर में कल शाम पुणे के महादेव वाडी इलाके का नजारा देखने लायक था। सावन के सोमवार की पवित्र बेला में, श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर का प्रांगण ‘हर हर महादेव’ के जयकारों और ढोल-ताशों के गगनभेदी नाद से थर्रा उठा। अवसर था श्रावण मास के उपलक्ष्य में आयोजित एक भव्य उत्सव का, लेकिन साम्राज्य प्रतिष्ठान, जिसके अध्यक्ष मयूर अलट की टीम, युवाओं ने अपने जोश और कला से इसे एक अविस्मरणीय अनुभव में बदल दिया।

इस पूरे आयोजन का केंद्र बिंदु महाकाल के स्वरूप को दर्शाती अलौकिक सजावट थी, जिसने एक पल में ही भक्तों को पुणे से सीधे उज्जैन के दिव्य दरबार में पहुंचा दिया।

पुणे का सिद्धेश्वर मंदिर बना 'उज्जैन', महाकाल की झांकी और ढोल-ताशों के गगनभेदी नाद से गूंजा महादेव वाडी

उज्जैन सा अहसास, महाकाल का दिव्य श्रृंगार

श्रावण मास के इस सोमवार को यादगार बनाने के लिए, आयोजकों ने मंदिर परिसर को महाकाल की नगरी का रूप दे दिया था। भस्म से सुसज्जित शिवलिंग का दिव्य श्रृंगार, मंद प्रकाश में चमकते दीये, और पूरे परिसर में फैली धूनी की पवित्र सुगंध ने ऐसा वातावरण रच दिया था, मानो साक्षात महाकाल भक्तों को दर्शन देने पधारे हों।

इस दिव्य झांकी में चार चांद लगा दिए ढोल-ताशा पथक ने। जब उनके ढोल की पहली थाप पड़ी, तो मानो पूरे वातावरण में ऊर्जा का सैलाब आ गया। ताशे की झंकार और ढोल का गजर जब महाकाल की आरती के साथ एक हुए, तो वहां मौजूद हर भक्त भक्ति और रोमांच से भर गया। यह केवल एक प्रदर्शन नहीं था, बल्कि पुणे की सांस्कृतिक परंपरा और शिवभक्ति का एक जीवंत उत्सव था।

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युवाओं का उत्साह बढ़ाने पहुंचे शहर प्रमुख प्रमोद भांगिरे (नाना)

इस कार्यक्रम में श्री प्रमोद भांगिरे (नाना) (मा. नगरसेवक, पुणे महानगरपालिका एवं शिवसेना एकनाथ शिंदे फाउंडेशन) ने विशेष रूप से शिरकत कर युवाओं का मनोबल बढ़ाया।

इस मौके पर प्रमोद भांगिरे ने कहा, “आज महादेव वाडी में यह दिव्य दृश्य देखकर मन गर्व से भर गया है। साम्राज्य प्रतिष्ठान के इन युवाओं ने हमारी संस्कृति और परंपरा को जिस ऊर्जा के साथ प्रस्तुत किया है, वह हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। श्रावण सोमवार के अवसर पर ऐसा भक्तिमय आयोजन सराहनीय है।”

परंपरा और समुदाय का जीवंत संगम: सिद्धेश्वर मंदिर

कल शाम हुआ यह आयोजन इस बात का प्रतीक था कि पुणे की पहचान सिर्फ एक आईटी हब के रूप में ही नहीं, बल्कि एक गहरे सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी है।
श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण सोमवार का यह उत्सव सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम बनकर नहीं रह गया, बल्कि यह कला, भक्ति, युवा शक्ति और सामुदायिक एकता का एक यादगार उत्सव बन गया, जिसकी मधुर स्मृतियाँ आने वाले लंबे समय तक महादेव वाडी के लोगों के दिलों में बसी रहेंगी।

Author

  • Chaitali Deshmukh

    मैं पुणेन्यूजहब की संपादक और लेखिका हूँ। मेरा जुनून है कि मैं अपनी कलम से पुणे न्यूज़ के हर पहलू को उजागर करूँ, खासकर शहर की अनसुनी कहानियों और स्थानीय मुद्दों पर विश्वसनीय विश्लेषण पेश करूँ।

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